मैक्सवेल बोल्ट्जमान सांख्यिकी
- यह सांख्यिकी उन कणों पर आरोपित की जाती है, जो एक दूसरे से विभेदित होते हैं।
- कण एक दूसरे से विभेदित होते हैं।
- प्रत्येक कोश में 0, 1, 2, … ni कण हो सकते हैं।
- निकाय में कुल कणों की संख्या सदैव नियत रहती है, अर्थात् n = Σni = नियतांक
- विभिन्न समूहों में स्थित सभी कणों की ऊर्जा का योग अर्थात् निकाय की कुल ऊर्जा सदैव नियत रहती है, E = Σniεi = नियतांक
- हम n स्वतंत्र कणों पर विचार करते हैं, जिन्हें एक दूसरे से पृथक किया जा सकता है।
- इन कणों को विभिन्न समूहों या स्तरों में इस प्रकार वितरित करना है कि
- ऊर्जा स्तर ε1, ε2, ε3, …εi
- अपभ्रष्टता g1, g2, g3, …gi
- कणों की संख्या n1, n2, n3, …ni
- हम एक बक्से पर विचार करते हैं। इस बक्से में gi भाग हैं, जिसमें ni कणों को वितरित करना है।
- प्रथम स्तर में n1 कणों को वितरित करने के तरीके
- द्वितीय स्तर में n2 कणों को वितरित करने के तरीके
… … … … … …
- अतः वितरण के कुल तरीके
- प्रथम कण को gi समूहों में gi प्रकार से समायोजित किया जा सकता है।
- चूंकि कोई बंधन नहीं है, अतः द्वितीय कण को gi समूहों में gi प्रकार से समायोजित किया जा सकता है।
… …. …. …. ….
- इस प्रकार ni कणों को gi समूहों में समायोजित करने के कुल तरीके gini
- सम्पूर्ण निकाय के लिए कुल आइगन अवस्थाओं की संख्या
- आइगन अवस्थाओं की पूर्व प्रायिक अवधारणा के अनुसार
- स्टर्लिंग सन्निकट के अनुसार log x! = x log x – x
- अधिकतम प्रायिकता के लिए, δ log ω = 0
- अन्य शर्तें
n = Σ ni = नियतांक
या δn = Σ δni = 0 …(2)
तथा E = Σ ni εi = नियतांक
या δE = Σ εiδni = 0 …(3)
- लैगरांज के अनिर्धारित गुणक की विधि से, (1) + (2) × α + (3) × β
Σ [{log (ni / gi ) + 1)} + α + βεi ] δni = 0
- परन्तु δni स्वैच्छ है
∴ log (ni / gi ) + 1 + α + βεi = 0
or log (ni / gi ) + α + βεi = 0
or log (gi / ni ) = α + βεi
or (gi / ni ) = exp (α + βεi )
or ni = gi / exp (α + βεi )
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